
एक बच्चा था जीनका दो माँ थी, उसका पिता का मत हो गयी थी, वो बच्चा अपनी माँ के साथ रहता था. उस बच्चे की माँ की एक आँख नहीं थी इसलिए वो सकल से अच्छी नहीं दिखती थी. जब उसका बेटा छोटा था तब तो वो अपनी माँ को खुब प्रेम करता था मगर जब वो बच्चा बडा होने लगा तो उसको मेहसूस हुआ की उसकी माँ की सकल अच्छी नहीं है, तो उसे इस बात पे सरम आने लगी वो अपनी स्कुल मै अपनी माँ को लेकर नहीं जाता था. क्योंकि उसको लगता था की अगर वो अपनी माँ को साथ लेकर गया तो उसकी दोस्तों में बेजती होगी. उसकी माँ अपनी बेटे की ईन बातो और सोच की वजह से बहत दुखी हो जाया करती थी, मगर उसने अपने बेटे को कभी किसी चीज की कमी नहीं होने दी, मगर समय गुजरने के साथ जेसे जेसे उसका बेटा बडा होता गया उसने अपनी माँ का मजाक उडाना सुरु कर दिया वो अपनी माँ को उसकी बुरी सकल के वजह से बाते बी सुनाया करता था, उसकी माँ बिचारी चुप चाप सब कुछ बरदस्थ करती और दिल ही दिल मै रोती रहती थी, एक दिन वो बेटा बडा हो गया और उसकी सादी हो गयी उसकी बीबी ने भी उसको केहना सुरु कर दिया की तुम्हारी माँ की एक आँख नहीं हैं और उसकी सकल अच्छी नहीं दिखती, वो हर रोज अपनी पती को एही बात कहती थी . उस बेटे ने अपनी माँ को घर से निकाल दिया अब वो माँ किसी और जगह अकेली रेहती थी और बहत मुसकील से जिनदेगी गुजार रेही थी, क्योंकि वो बूडी हो चुकी थी. समय गुजर गया एक दिन उसकी बेटे का जन्मदिन आया उसकी माँ को बेटे का जन्मदिन याद था तो वे रात को एक खत और एक फुल लेकर अपने बेटे के घर की तरफ चल पडी घर पहुच कर उसने दरबाज बजाया बेटा बाहर आया उसने अपनी बेटे को खत और फुल दिआ और जन्मदिन कि मुबारक देकर वापस चल पडी. उसके बेटे ने अन्दर जा कर वो फुल और खत खोला, उस खत मै कुछ लिखा था..”बेटा में जानती हु कि मेरी एक आँख नहीं है इस लिए में सकल से बूरी दिखती हु मगर बेटा तुम्हे आज एक बात बता रही हु जो मेंने तुम्हे कभी नहीं बतायी तुम 6 माह की थे तुम बिस्तर से गीर गये निचे तुम्हारे खीलोने पडे थे उनमें से एक खिलोना तुम्हारी आँख मे लगा मे तुम्हे फरन हॉस्पिटल ले गेई तो डॉक्टर ने कहा तुम्हारी एक आँख खराब हो चुकी है अब इसका एक हाल है कोई अपनी एक आँख उसको दे दें. मेंने समय जाया की वगेर डॉक्टर को कहा मेरी एक आँख निकाल कर मेरे बेटे को दे दौ, उस दिन मेरी एक आँख निकाल कर तुम्हे दे दी उस दिन से मेरी एक आँख नहीं हैं इस वजह से मेरी सकल बुरी दिखती हैं. मैनै तुम पर कोई एइसन नही कीया मगर मै तुम्हे एक बार जरूर कहना चाहुगी की बेटा माँ बदसूरत तो हो सकती है लेकिन माँ बुरी नहीं हो सकती
Manasmita Swain
माँ तो जन्नत का फुल है
प्यार करना उसका असुल है,
दुनिआ की मोहब्बत फिसुल है
माँ की हर दुआ कबुल है,
माँ को नाराज़ करना
इंसान तेरी भूल है,
माँ की कदमो की मिट्टी
जन्नत की धुल है .
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